वो अपनी मर्जी से बात करते हैँ और..
हम कितने पागल हैँ जो
उनकी मर्जी का इंतजार करते हैं..!!
कुछ तो है
जो न तेरा है
न मेरा है
पर कुछ
अपना सा
मनमाना है।
ना करो मुझे समझने की कोशिश
कही मेरे किरदार से मोह्हबत ना हो जाये !!
तेरी मुस्कान से सुधर जाती है तबियत मेरी,
बताओ ना तुम इश्क़ करते हो या इलाज़ !!
वो पत्थर कहाँ मिलेंगे दोस्तों
जिसे लोग दिल पर रख कर
एक दूसरे को भूल जाते हैं ...!!
तुम्हारी खुशियों के ठिकाने बहुत होंगे,
मगर हमारी बेचैनियों की वजह बस तुम हो...!!
कैसे करूँ मैं साबित कि तुम याद बहुत आते हो
एहसास तुम समझते नही और अदाएं हमे आती नहीं…!!
इतनी तो तेरी सूरत भी नहीं देखी
जितना तेरे इंतज़ार में घड़ी देखी है...!!
.
दिल के बुरे नहीं है हम दोस्तो
बस कुछ लोगो को अच्छे नहीं लगते...!!
प्यार और वफा दोनों बड़े काल्पनिक शब्द हैं
सिर्फ सुनाई देते हैं मिलते किसी को नहीं...!!
अहमियत हैसियत को मिलती है
और हम हैं कि जज्बात लिए फिरते हैं...!!
हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं, साहब
कोई वक़्त पे लौटाता नहीं है इसलिए घाटे में हैं...!!
"सब छोड़े जा रहे हैं आजकल हमें, ऐ जिन्दगी !
तुझे भी इजाजत है "जा ऐश कर"...!!
गज़ब की धूप है शहर में फिर भी पता नहीं,
लोगों के दिल यहाँ पिघलते क्यों नहीं...!!
जब आप "फिक्र" में होते हो तो,खुद जलते हो...और
आप "बेफिक्र" होते है,तो दुनिया जलती है...!!
जिन्दगी की हर तपिश को मुस्कुरा कर झेलिए..!
धूप कितनी भी हो समंदर सूखा नही करते ...!!
वो मुझे भूल ही गया होगा
इतनी मुद्दत कोई खफ़ा नहीं रहता... !!
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