Sher - O - Shayari


उन्हें शक है कि हम उन पे मरते हैं , हमें शक है कि वो हम पे मरते है ,
जिन्दगी के दौर यूँ ही गुजरते हैं , न वो कुछ पूछते है न हम कुछ कहते हैं ..!!!!!




वादे पे वो ऐतबार नहीं करते , हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते ,
डरता है दिल उनकी रुसवाई से , और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते ..!!!!!



मे ये नहीं कहती की वो कोई ख़ास हो,
मुझे वो चाहिए जो सीर्फ मेरे ही पास हो ..!!!!!



धोखा दिया था जब तूने मुझे. जिंदगी से मैं नाराज थी,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था...!!!!!



मुझे नही पता कि
मैं एक बेहतर दोस्त हूँ या नही
लेकिन
मुझे पूरा यकीन है कि
जिनके साथ मेरी दोस्ती है...
वे बहुत बेहतरीन है ..!!!!!



चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत
इसलिए तो चाँद मैं दाग है
मुमकिन है चाँद से हुई होगी बेवफ़ाई
इसलिए तो सूरज मैं आग है ..!!!!!



इतनी मन मानियाँ भी अच्छी नहीं होती
तुम सिर्फ अपने ही नहीं मेरे भी हो ..!!!!!



मार दे या छोड दे तू,
रखले दिल या तोड दे तू,
ऐसा कोई मोड दे तू,
जिंदगी मे हो मजा....!!!!!



मेरी बात सुन पगली
अकेले हम ही शामिल नही है इस जुर्म में....
जब नजरे मिली थी तो मुस्कराई तू भी थी...!!!!!



कोई मिल जाए तुम जैसा, ये तो नामुमकिन है.
पर तुम ढूंढ लो हम जैसा... इतना आसन ये भी नहीं...!!!!!



हाथ थाम कर भी सहारा ना मिला
मैं वो लहर हुं जिसे किनारा ना मिला ..!!!!!



सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा ,
जमाना तो आज भी मुझे तेरी दीवानी कहता है ..!!!!!



उसने कहा पागल हो तुम
मैने कहा बेशक sirf tere लिए ..!!!!!



ऐसा नहीं है कि हमें बातें बुरी नहीं लगती,
एक बस तेरे लिये सारे गुनाह माफ़ है ..!!!!!



हर चीज हद; मे अच्छी लगती है ,
मगर तुम हो कि बे-हद अच्छे लगते हो. ..!!!!!



काश के वो लोट आये मुझ से ये कहने ,
की तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले ..!!!!!



सुनो ना, मेरी एक छोटी सी इच्छा है,
एक टेबल, दो कॉफी...... मैं और तुम ..!!!!!



कितनी झुठी है ना महोब्बत की कसमें...
देखो ना! तुम भी जिंदा हो में भी जिंदा हु...!!!!!



अजीब मेरा अकेलापन है,,,
तेरी चाहत भी नहीं और तेरी जरूरत भी है...!!!!!



अज़ीब होता है मेरे साथ....
उदास जब भी तुम हो तो
कुसूर मुझे अपना ही लगता है ..!!!!!



हम दुश्मन को भी बड़ी पवित्र सज़ा देते हैं!
हाथ नही उठाते, बस नजरो से गिरा देते हैं...!!!!!



मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना,
शायरी करना अब मुझे  अच्छा नहीं लगता ..!!!!!



शिकायत तो नहीं कोई मगर अफ़सोस इतना है
मुहब्बत सामने थी और हम दुनिया में उलझे थे ..!!!!!



तकलीफ़ देती है ना मेरी बाते तुम्हे
देख लेना एक दीन मेरी खामोशी तुमको रुला देगी ..!!!!!



उफ्फ !!! तेरा अक्सर यूँ भूल जाना मुझको,,,
अगर दिल ना दिया होता,, तो तेरी जान ले लेती...!!!!!


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