मैं उस पल को फिर से जीना चाहती हूँ
जब तेरे प्यार में मैं हंसती रोती थी और
तेरे ख्वाबों के साथ जागती और सोती थी
.
मैं उन ज़ख्मों को फिर से सीना चाहती हूँ
जो तेरे जाने के बाद मेरे दिल ने सहा है
फिर भी उसने किसी से कुछ नहीं कहा है,
.
वापस मैं वो पल,दिन और महीना चाहती हूँ
जब तुम मुझसे मिलने को बेकरार रहा करते थे,
"मोहब्बत है तुमसे",बार-बार ये कहा करते थे,
.
लौटा दे मुझको मेरे बीते हुए वो दिन वो पल,
और खुशियों के साथ गुजारा हुआ वो कल,
तुझसे बस इतनी सी इल्तज़ा है मेरी, कि
तू रहे मेरे पास इस पल,उस पल और हर पल......
0 comments:
Post a Comment