DIL SHAYARANA




माफी चाहती हूँ गुनेहगार हूँ तेरी ऐ-दिल..
तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं ....!!



काश…!! एक खवाहिश पूरी हो इबादत के बगैर…!
वो आ कर गले लगा ले…..मेरी इजाजत के बगैर ....!!



ज़िन्दगी प्यारी और बहुत प्यारी है पर सिर्फ तब तक
जब तक मैं तेरी और तूँ सिर्फ मेरा है ....!!



उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बंधे हैं कि
वो साथ भी नहीं और हम अकेले भी नहीं ....!!



वो शाम का दायरा मिटने नहीं देते
हमसे सुबहे का इंतज़ार होता नहीं है ....!!



लोग हर बार यही पूछते हैं तुमने उसमें क्या देखा ,
मैं हर बार यही कहती हूँ , बेवजह होती है मोहब्बत ....!!



तुम मुझे अच्छे या बुरे नहीं लगते
बस अपने लगते हो ....!!



क्यो ना गुरूर करू मै अपने आप पे….
मुझे उसने चाहा जिसके चाहने वाले हजारो थे ....!!



ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे....
किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है ....!!



एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही ....!!



दुआएं रद्द नही होती
बस बहेतरीन वख्त पे कबूल होती है ....!!


लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ....??
अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा यहाँ....!!



पहचान की नुमाईश यारों जरा कम करो;....
जहाँ भी "मैं" लिखा है उसे "हम" करो ....!!



ऐ इश्क़ ! तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें,
यहाँ हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं ....!!



हो शके तो अब तुम कोइ सौदा न करना,
मे पीछली मोहब्बत मे सब हार आइ हु ....!!



निकले हम दुनियां की भीड़ में तो पता चला,
की हर वो शख्स अकेला है जो दुसरो पर भरोसा करता है  ....!!



मेरी दिल की दिवार पर तस्वीर हो तेरी
और तेरे हाथों में हो तकदीर मेरी ....!!



पहले तो यूं ही गुज़र जाती थीं ,
मोहोब्बत हुई… तो रातों का एहसास हुआ. ....!!



प्यार अगर सच्चा हो तो कभी नहीं बदलता
न वक़्त के साथ न हलात के साथ ....!!



यूँ तो आदत नहीं मुझे मुड़ के देखने की..
तुम्हें देखा तो लगा..एक बार और देख लूँ ....!!

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